BNEI BARUCH WORLD CENTER FOR KABBALAH STUDIES

प्रस्तावना-चार प्रथमाक्षर प्रश्न

• कबला क्या है?

कबला-विज्ञान अध्यात्मिक संसार का अध्ययन करने के लिए एक वैज्ञानिक उपकरण है। अपने संसार की खोज करने के लिए, हम प्राकृतिक विज्ञानों का प्रयोग करते हैं जैसे भौतिक-विज्ञान, रसायनशास्त्र और जीव-विज्ञान। परन्तु प्राकृतिक विज्ञान केवल उस भौतिक-विज्ञान का अध्ययन करता है जो हम अपनी पाँच इंद्रियों द्‍वारा अनुभव करते हैं। जिस संसार में हम रहते हैं उसे पूरी तरह से समझने के लिए हमें एक शोध उपकरण की आवश्यकता है जो गुप्त क्षेत्र की खोज कर सके, वो जिसे हमारी इंद्रियाँ अनुभव नहीं कर सकतीं और यह उपकरण है कबला-विज्ञान।

कबला-विज्ञान के अनुसार, वास्तविकता दो शक्तियों या गुणवत्ताओं से बनी है: प्राप्त करते की इच्छा और प्रदान करने की इच्छा या देने की। क्योंकि प्रदान करने की इच्छा देना चाहती है, यह प्राप्त करने की इच्छा को उत्पन्‍न करती है, इस कारण से आम तौर से इसका परिचित नाम है,"सृजनकर्ता"। इसलिए, सम्पूर्ण सृष्‍टि, हमें मिलाकर, उस प्राप्त करने की इच्छा का प्रत्यक्षीकरण है।

कबला का उपयोग करते, हम अपने लाभ के लिए वास्तविकता की मूलभूत शक्तियाँ-प्राप्ति और प्रदानता के साथ काम कर सकते हैं। यह केवल हमें सृष्‍टि का प्रारूप नहीं सिखाती हैं, परन्तु कैसे हम रूपकार बन सकते हैं, सर्वश्क्तिमान जैसे और मूल वास्तविकता के रूपकार जैसे सर्वज्ञ।

• कबला का अध्ययन कौन कर सकता है?

जब २०वीं सदी के महान्‌ कबाली और ई़ज्‍राइल के मुख्य रब्बाई राव कुक से पूछा गया कि कबला का अध्ययन कौन कर सकता है, उनका उत्तर सुस्पष्‍ट था: "कोई भी जो चाहता हो"। पिछले १०० सालों में, सभी कबालियों ने बिना अपवाद के नि:सन्देह व्यक्‍त किया है, और कई मौकों पर, कि कबला आज सब के लिए उपलब्ध है। इसके इलावा, उन्होनें कहा कि यह विश्‍वव्यापी संकट के समाधान का आवश्यक उपकरण है जिनकी उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि आएगें ही और जिनका हम आज सामना कर रहें हैं।

सभी कबालियों के अनुसार, कबला के गुप्त रहने के दिन समाप्त हो गए हैं। कबला-विज्ञान पहले गुप्त रखा गया था क्योंकि कबालियों को डर था कि इसका दुरूपयोग किया जाएगा और इसको गलत समझा जाएगा और, वास्तव में, जो थोड़ा सा भी ज्ञान बाहर रिसा, उससे इसके बारे में कई भ्रान्तियां उत्पन्‍न हुईं। क्योंकि कबाली व्यक्‍त करते हैं कि हमारी पीढ़ी कबला के वास्तविक अर्थ को समझने के लिए और अतीत की भ्रान्तियों को स्पष्‍ट करने के लिए तैयार है, इसलिए यह विज्ञान अब जो भी सीखना चाहते हैं सभी के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

• कबला पुस्तकें क्या सिखाती हैं?

कबला पुस्तकें अध्यात्मिक संसारों की संरचना सिखाती हैं, और कैसे हम में से प्रत्येक वहाँ पहुँच सकता है। कबला पुस्तक एक मार्गदर्शक जैसी है। अगर आप एक नए शहर की यात्रा करना चाहते हैं, आप शायद एक मार्गदर्शक का प्रयोग करना चाहेंगे कि वहाँ पहुँच कर कौन सी सर्वोत्त्म जगहें देखने योग्य हैं, सर्वोत्त्म कॉफी की दुकानें और क्लब, और वह भी जहाँ आप जाना नहीं चाहेंगे क्योंकि आप वहाँ जो पाएंगे उसे पसन्द नहीं करेंगे।

उसी तरह, कबला पुस्तकें बताती हैं कि कैसे अध्यात्मिक संसारों का निर्माण होता है, कौन सी,"जगहें" अधिक मनोरंजक हैं, और कौन सी नहीं। अवश्य ही, यह भौतिक जगहें नहीं है, किन्तु अध्यात्मिक अवस्थाएँ हैं जो चाहे कोई भी कबाली हो अनुभव करता ही है।

दूसरी बात जो कबला किताबें आप को बताती हैं वह यह है कि अध्यात्मिक वास्तविकता को कैसे ढूँढना है। इस संसार में अगर आप कहीं भी जाना चाहते हैं, आपको उस स्थान के मानचित्र की आवश्यकता होगी और स्थान का स्वयं अध्ययन करने के लिए एक मार्गदर्शक की भी। अध्यात्मिकता में, कबला पुस्तकें आप के लिए सब कुछ करेंगी- आपको ,"दिखाएंगी" कहाँ पर अध्यात्मिक संसार है, आपको वहाँ,"ले जाएंगी" और चारों ओर का दृश्य कराएंगी।

• बने बरुख़ कौन है?

बने बरुख़, कबला शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, प्रामाणिक कबला का अध्ययन करने, सीखाने और व्यापक रूप में फैलाने के लिए एक संगठन है। १९९१ में राव माईकल लाइटमन, पी.एच.डी. ने बने बरुख़ को उपरोक्‍त वर्णन किए उद्देश्यों के लिए स्थापित किया था। इन्होंने इसका नाम बने बरुख़ (बरुख़ के पुत्र) अपने अनुभवी परामर्शदाता रब्बाई बरुख़ अशलाग की यादगार में रखा, जो स्वयं महान्‌ कबाली रब्बाई यहुदा अशलाग के ज्येष्‍ट पुत्र व उत्तराधिकारी थे। रब्बाई यहुदा अशलाग सलाम सीढ़ी के लेखक हैं, जो कि ज़ौहर की पुस्तक पर व्याख्या है।

अपना संदेश फैलाने के लिए, बने बरूख़ यह साइट बनाए रखता है, पुस्तकें और दस्तावेज़ प्रकाशित करता है, और रेडियो व टी.वी. प्रोग्रामों का प्रसारण करता है। लगभग एक मिलियन उपभोक्‍ता प्रति माह इस साइट पर आते हैं, और उनमें से दस हज़ार सक्रिय सदस्य हैं, जो आंदोलन का समर्थन करते हैं और मानवता के लाभ के लिए इसे फैलाने में सहायता करते हैं।