संपूर्ण चेतना की ओर बुद्धिमता व विज्ञान
क्लब ऑफ बुडापेस्ट द्वारा आयोजित,डसेलडोर्फ(जर्मनी) ने २३-२५ मार्च २००६ में प्रगतिशील वैज्ञानिक संगोष्ठी,"विस्डम एण्ड सांईस इन अ डाइलौग : द न्यु पलैन्टरी कॉन्फरैन्स" की मेज़बानी की।सोलह विशिष्ठ वक्ताओं ने प्राचीन बुद्धिमत्तापूर्ण शिक्षाओं और आधुनिक विज्ञान के माध्यम से संपूर्ण चेतना व आपसी संबद्ध की धारणाओं को प्रस्तुत किया।
इस व्यापक एकीकरण की व्याख्या करने के लिए संसार की सम्कालीन संकट स्थिति ने वैज्ञानिकों को उद्दीप्त कर दिया:कि सहमति से एक अधिक मौलिक और सर्वव्यापक जागरूक स्थिती के माध्यम से हमारे पास अपनी सम्कालीन दशा से,"बाहर निकलने" का रास्ता है।
सभी प्रस्तुतीकरणों में सांझी बात यह थी कि,जैसे जैसे मानवीय जागरूकता उन धारणाओं,जो भूमंडलीकरण के साथ विकसित हुईं,को अपनाने के लिए आगे बढ़ी,वैसे यह ज्ञान भी कि इस वातावरण को उत्पन्न करने में मनुष्य अपने तरीकों में गैर-ज़िम्मेदार रहे हैं।परिणामस्वरूप,यदि हमें एक ना हल होने वाली तबाही में डूबने से बचना है,तो हमें अपने आप व अपने वातावरण के तरीकों का संशोधन करने की सख्त आवश्यकता है।
यहाँ पर,हमें नवीन वैज्ञानिक जागरूकता प्राचीन बुद्धिमत्तापूर्ण शिक्षाओं के साथ यह दर्शा सकता है कि:
n सम्पूर्ण मानवता एक एकीकृत अंग है।
n हम सब संयोजित हैं व एक दुसरे पर आक्ष्रित हैं।
n चेतना केवल मस्तिष्क में नहीं होती है।
n हम एकल पूर्ण में कार्य करते हैं परन्तु इस एकीकरण का अनुभव नहीं करते।
n हमें इस वैश्विक-एकता की जागरूकता को बढ़ाना चाहिए।
n हमें सार्वभौमिक प्रेम का अनुभव करना चाहिए।
क्लब ऑफ बुडापेस्ट के संस्थापक प्रोफेसर इरविन लैस्ज़लो ने संपन्न किया कि संगोष्ठी में जो प्रस्तुत किया गया था,वह एक नवीन वैश्विक-नज़रिया की नींव थी।उनके शब्दों में,वह जो संसार का,"आंतरिक रूप से जैविक,पूर्ण व संयोजित" आलिंगन करता है।
इस वैश्विक-नज़रिया को फैलाने के लिए,लैस्ज़लो ने इसके प्रसार के कार्यों का भी उल्लेख किया-अन्य में से वर्ल्ड विस्डम काँऊसिल,विस्डम चैनल(एक इन्टरनेट चैनल)और एक इन्टरनेट पर आधारित विश्वविद्यालय हैं।सभा एक सक्रिय भाव पर समाप्त हुई:कि बहुत सा काम करना है,और मानव चेतना में एक बड़ी पारी की यह केवल एक शुरूआत है।