BNEI BARUCH WORLD CENTER FOR KABBALAH STUDIES

कबला क्या है?

कबला भ्रम, दन्तकथा, मिथक और मिथ्या प्रस्तुति से ढका हुआ है क्योंकि प्रामाणिक कबला हज़ारों वर्षों से गुप्त रखा गया है ...... अब तक!

प्राचीन बेबीलॉन के समय से, यद्यपि इसके मूल पुरातन परम्परा में निहित हैं, कबला-विज्ञान मानवता से लगभग गुप्त रहा है जबकि यह चार हज़ार वर्ष से अधिक पहले प्रकट हो गया था ।

इस ही छिपना ने कबला के अमर आकर्षण को अनवत किया है। कई देशों के विशिष्ट विज्ञानिकों और दर्शनशास्त्रियों, जैसे कि नियूटन, लेबनीज़ और पिको डेल्ला मिरानडोला ने कबला-विज्ञान की जाँच की और समझने का प्रयास किया है। फिर भी आज तक कुछ ही को पता है कि कबला वास्तव में है क्या।

कबला-विज्ञान हमारे संसार के बारे में चर्चा नहीं करता है, और इसलिए इसका सार लोगों के ध्यान से निकल जाता है। अदृश्य, अलक्ष्य और वह जिसे अनुभव नहीं किया गया हो को समझना असम्भव है। हज़ारों वर्षों से," कबला" के नाम पर मानवता को व्यापक प्रकार की वस्तुएँ प्रदान की गईं थीं: माया, शाप और चमत्कार भी, सब कुछ स्वयं कबला-विज्ञान को छोड़कर। चार हज़ार वर्ष अधिक से, कबला-विज्ञान की आम समझ भ्रांति और गलत अर्थ के साथ अस्त-व्यस्त और बुरे तरीके से भरी हुई है। इसलिए सबसे पहले, कबला-विज्ञान को स्पष्ट करने की आवश्यकता है।

कबाली यहूदा अशलाग अपने साहित्यिक लेख, "कबला बोध का सार" में कबला को निम्नलिखित ढंग से परिभाषित करते हैं:-

"यह बोध न कम न ज़्यादा मूलरूप का अनुक्रम है, जो कारण और प्रभाव के तरीके से नीचे की ओर लटका है, स्थायी, निर्धारित नियमों में, एक उत्कृष्ट लक्ष्य में बुनते हुए और ऐसे वर्णन करते,"इस संसार में उसके जीवों को उसकी प्रभुता का प्रकटीकरण"।

वैज्ञानिक परिभाषाएँ पेचीदा और जटिल हो सकती हैं। चलो जाँच करने का प्रयत्न करें कि यहाँ क्या कहा जा रहा है।

ऊपरी शक्ति या सृजनकर्ता अस्तित्व में हैं, और संचालक शक्तियाँ इस ऊपरी शक्ति में से हमारे संसार में नीचे उतरती हैं। हम नहीं जानते वहाँ कितनी शक्तियाँ हैं, पर यह वास्तव में महत्वहीन है। हम यहाँ अपने संसार में रहते हैं, और हम किसी ऊपरी शक्ति द्वारा रचे गए हैं जिसे हम,"सृजनकर्ता" कहते हैं। हम अपने संसार में विभिन्न शक्तियों से परिचित हैं जैसे गुरुत्वाकर्षण, विद्युत्‌-चुंबकत्व और विचार की शक्ति। फिर भी, महान्‌ वर्ग की शक्तियाँ काम करती हैं जब कि यह हमसे छिपी रहती हैं। हम सर्वश्रेष्ट और व्यापक शक्ति को,"सृजनकर्ता" कहते हैं। सृजनकर्ता संसार की सभी शक्तियों का जोड़ है और संचालक शक्तियों की श्रेणी में इसका स्तर उच्चतर है।

कबला-विज्ञान हमारे संसार और इसमें रहते मानवों का अध्ययन नहीं करता है, जैसे कि पारम्परिक विज्ञान करते हैं। कबला मख़सोम के आगे प्रत्येक और सभी वस्तुएँ जो अस्तित्व में हैं की जाँच करता है।

कबाली यहुदा अशलाग कहते हैं कि," यह बोध न कम न ज़्यादा मूलरूप का अनुक्रम है, जो कारण और प्रभाव के तरीके से नीचे की ओर लटका है, स्थायी, निर्धारित नियमों में......."। ऊपर से स्पष्ट नियमों के अनुसार उतरती शक्तियों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। इसके इलावा, ये नियम, जैसे कि अशलाग लिखते हैं, स्थायी, परम तत्व और सर्वव्यापी हैं। अंत में, यह सभी शक्तियाँ निर्देशित होती हैं ताकि व्यक्ति हमारे संसार में होते हुए सृष्टि की सर्वश्रेष्ट संचालक शक्ति को प्रकट कर सके।

जब तक कि व्यक्ति इस शक्ति को पूरी तरह से प्रकट न कर ले, जब तक कि व्यक्ति सभी संसारों को न जान ले जो व्यक्ति को चढ़ने हैं, वही नियमों का पालन करते जैसे कि उतरती शक्तियाँ करतीं हैं, और जब तक कि व्यक्ति अनंत के संसार तक न पहुँच सके, ऐसा एक व्यक्ति इस संसार को नहीं छोड़ेगा। "नहीं छोड़ेगा" से क्या अभिप्राय है? यह व्यक्ति हमारे संसार में लगातार पुन:जन्म लेता रहेगा, एक जन्म से दूसरे में विकसित होता हुआ जब तक कि उस अवस्था तक नहीं पहुँच जाता जहाँ उच्च शक्ति को प्राप्त करने की इच्छा उभरती है।